प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार, 30 मई 2024 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में एक विशेष पूजा की। इसके बाद उन्होंने 45 घंटे के लिए ध्यान में लीन हो गए। यह कार्यक्रम कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल में आयोजित किया गया था।
पूजा का उद्देश्य
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प्रधानमंत्री मोदी ने इस पूजा का आयोजन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिकता को सम्मान देने के लिए किया था। उन्होंने कहा कि यह स्थल न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत भी है। यहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था और उन्हें जीवन की नई दिशा मिली थी।
ध्यान और साधना
पूजा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने 45 घंटे के ध्यान का संकल्प लिया। उन्होंने इस ध्यान का उद्देश्य व्यक्तिगत और राष्ट्रीय आत्ममंथन बताया। उन्होंने कहा कि ध्यान से उन्हें नई ऊर्जा और विचार मिलेंगे, जो देश की सेवा में काम आएंगे। प्रधानमंत्री का यह ध्यान कार्यक्रम अत्यधिक गोपनीय रखा गया था। केवल कुछ करीबी सहयोगी और सुरक्षा कर्मी ही उनके साथ थे।
विवेकानंद रॉक मेमोरियल
विवेकानंद रॉक मेमोरियल भारतीय संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह स्थल समुद्र के बीच एक चट्टान पर स्थित है। 1892 में, स्वामी विवेकानंद ने यहां तीन दिन का ध्यान किया था। इस ध्यान के बाद, उन्हें भारत के पुनर्निर्माण के लिए नई दृष्टि मिली थी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में विवेकानंद के योगदान का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विवेकानंद की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
सुरक्षा और व्यवस्था
प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। स्थानीय पुलिस और विशेष सुरक्षा दल ने पूरे क्षेत्र को सुरक्षित रखा था। आम जनता को मेमोरियल के पास आने से रोका गया था ताकि प्रधानमंत्री के ध्यान में कोई व्यवधान न हो। सुरक्षा कर्मियों ने सुनिश्चित किया कि प्रधानमंत्री की साधना के दौरान कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रवेश न कर सके।
प्रधानमंत्री का संदेश
ध्यान के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने एक संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि यह अनुभव उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक था। उन्होंने कहा कि ध्यान ने उन्हें आत्ममंथन का अवसर दिया और उन्हें नई ऊर्जा से भर दिया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने ध्यान के दौरान भारत के भविष्य के बारे में गहराई से विचार किया। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे भी अपने जीवन में ध्यान और योग को शामिल करें। उन्होंने कहा कि इससे न केवल व्यक्तिगत विकास होगा बल्कि समाज और देश का भी विकास होगा।
स्थानीय प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री की इस यात्रा और ध्यान कार्यक्रम ने स्थानीय जनता में उत्साह और गर्व की भावना भर दी। कन्याकुमारी के लोग प्रधानमंत्री के इस आध्यात्मिक कदम की सराहना कर रहे हैं। स्थानीय व्यापारी और पर्यटन व्यवसायी भी इस यात्रा से खुश हैं, क्योंकि इससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।